कमला गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान
अपने गिरेबा में
लघुकथाएँ
कुछ यादें बेतरतीब सी
व्यंग्यश्री 2014
उपन्यास
गुरुवार, 24 अप्रैल 2014
हिंदी भवन -- दिल्ली
मंगलवार, 11 मार्च 2014
निमंत्रण पत्र
१८ वां व्यंग्यश्री सम्मान/ १३ फरवरी २०१४ / पंडित गोपालप्रसाद व्यास का जन्मशताब्दी वर्ष / रू. ११११११/-- की सम्मान राशि / व्यंग्य का देश में सबसे बड़ा सम्मान
कार्यक्रम का शुभारंभ - अध्यक्ष - प्रो नामवरसिंह के द्वारा माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से .
दीप प्रज्ज्वलन
पंडित गोपालप्रसाद व्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करते अतिथि .
पंडित गोपालप्रसाद व्यास जी के संस्मरणों को साँझा करती डॉ. रत्ना कौशिक
पुष्प माला के बाद श्री यज्ञ शर्मा के आशीष लेते जवाहर चौधरी .
शुभ तिलक --, हिन्दी भवन की न्यासी, सुप्रसिद्ध शाष्त्रीय न्रात्यांगना सुश्री गीता चन्द्रन.
हिन्दी भवन की न्यासी गीता चन्द्रन द्वारा रजत श्रीफल .
श्री शेरजंग गर्ग और श्री ज्ञान चतुर्वेदी - स्नेह वर्षा के साथ .
आत्मीय स्नेह के साथ श्री ज्ञान चतुर्वेदी .
हिंदी साहित्य के शिखर पुरुष, आलोचक प्रो.नामवरसिंह द्वारा वाग्देवी की प्रतिमा प्रदान की गई .
दिल्ली के आयकर कमिश्नर श्री सुनील चोपड़ा एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह की सम्मान राशि का चेक प्रदान करते हुए .
व्यंग्यश्री - २०१४ / स्मृति चिन्ह प्रदान करते श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी .
पंडित गोपालप्रसाद व्यास के चित्र युक्त प्रशस्ति-पत्र .
रचनापाठ - कामरेडों की जिंदगी में थोड़ी ताकझांक .
व्यंग्यश्री-२०१४ (एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपयों की सम्मान राशि के साथ) के लिए हिंदी भवन का हार्दिक आभार .
बाएं से -- श्री यज्ञ शर्मा,श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी,जवाहर चौधरी, प्रो.नामवरसिंह, श्री ज्ञान चतुर्वेदी और श्री शेरजंग गर्ग .
संबोधन -- मुंबई से पधारे वरिष्ठ व्यंग्यकार यज्ञ शर्मा (व्यंग्यश्री-२०१०) / कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि .
जवाहर भाई मेरे टेलिफ़ोनिया मित्र है - श्री यज्ञ शर्मा
कर्यक्रम का संचालन- डॉ. रत्ना कौशिक/ पंडित गोपाल प्रसाद व्यास कि सुपुत्री , दिल्ली में प्रोफ़ेसर .
श्री गोविन्द व्यास, सचिव- हिंदी भवन, दिल्ली द्वारा श्रीमती मीना चौधरी का स्वागत .
पंडित गोपालप्रसाद व्यास जी के साथ बिताए दिनों की स्मृतियों को बांटते हुए वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री शेरजंग गर्ग .
संबोधन- वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री शेरजंग गर्ग - कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
संबोधन- श्री गोविन्द व्यास- सचिव, हिंदी भवन /
व्यंग्य लेखन अलग बात है, इसका पाठ अलग . व्यंग्यश्री सम्मान व्यंग्य लेखन के लिए है .
संबोधन- प्रो.नामवरसिंह - व्यंग्य ऐसा हो कि वह भी उसका मजा ले जिस पर किया गया है .
संबोधन-प्रो. नामवरसिंह - वरिष्ठ आलोचक / कार्यक्रम के अध्यक्ष
संबोधिन - श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी - कर्णाटक के पूर्व राज्यपाल / अध्यक्ष-हिंदी भवन
व्यंग्यकार ललित तलित्य, यज्ञ शर्मा, प्रेम जनमेजय और जवाहर चौधरी
नई पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)