कमला गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान
अपने गिरेबा में
लघुकथाएँ
कुछ यादें बेतरतीब सी
व्यंग्यश्री 2014
उपन्यास
मंगलवार, 11 मार्च 2014
व्यंग्यश्री-२०१४ (एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपयों की सम्मान राशि के साथ) के लिए हिंदी भवन का हार्दिक आभार .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें